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National Public day celebration


Posted on 20/04/2024

राजकीय महाविद्यालय जींद जनसंचार विभाग कार्यक्रम रिपोर्ट नेशनल पब्लिक रिलेशन डे दिनांक 20 अप्रैल 2024 आज राजकीय महाविद्यालय जींद के जनसंचार विभाग एवं मीडिया क्लब द्वारा नेशनल पब्लिक रिलेशन डे का आयोजन प्राचार्य श्री सत्यवान मलिक की अध्यक्षता में किया गया। उन्होंने कहा कि पब्लिक रिलेशन के अंतर्गत वे गतिविधियां शामिल होती हैं जो किसी संस्था, किसी कंपनी, उत्पादन, सेवा या व्यक्ति के लिए सकारात्मक छवि बनाने का कार्य करती हैं। प्रेस विज्ञप्तियां, आमतौर पर उपयोग किए जाने वाला पीआर उपकरण है। जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो शिवकुमार ने कहा कि जनसंपर्क या पी आर अभियान एक प्रभावशाली उपकरण है, जिसका उपयोग व्यवसाय अपनी मार्केटिंग रणनीति के हिस्से के रूप में करते हैं। जनसंपर्क अभियान ब्रांड जागरूकता को बढ़ावा देता है। साथ ही किसी कंपनी के प्रवक्ता की छवि किसी संगठन की छवि को दर्शाती है। पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के अनुसार भारत में हर वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस मनाया जाता है। साल 1986 से पूरे देश में इसी दिन राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस मनाया जाता है। भारत में जनसंपर्क 1950 के दशक में शुरू हुआ जबकि दुनिया के लिए यह लगभग 100 साल पुरानी अवधारणा है। 21 अप्रैल को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के रूप में नामित करने के पीछे का उद्देश्य भारत में जनसंपर्क समारोह और जनसंपर्क पेशेवरों पर ध्यान केंद्रित करना है जिनकी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। जनसंपर्क एक बहुत ही रचनात्मक विधा भी है जिसके जरिये किसी भी सरकारी-गैर सरकारी संस्थान, संगठन के कार्यों को जनता तक प्रभावी रूप से पहुंचाया जा सकता है। वर्तमान में जनसंपर्क हर क्षेत्र से जुड़े संस्थान के लिए बेहद जरूरी है, उन्होंने कहा कि जनसंपर्क के जरिए जहां एक ओर जन जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। वहीं दूसरी ओर जनहित में किए जा रहे कार्यों को भी जनसंपर्क के माध्यम से जनता के बीच रखा जा सकता है। सोशल मीडिया के दौर में जनसंपर्क सही सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु और अधिक आवश्यक हो गया है। नेशनल पब्लिक रिलेशन डे के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए एक क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रथम स्थान- अनिल, बीए फाइनल, द्वितीय स्थान- पूजा, बीए फाइनल और तृतीय स्थान- राज, बीए आनर्स भूगोल फाइनल ने प्राप्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो शिव कुमार, प्रो हरज्ञान और प्रो राहुल का विशेष योगदान रहा।